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सिद्धार्थ से गौतम तक का सफर

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        सिद्धार्थ से गौतम तक का सफर  _   _1, शाक्य. भारत देश के उत्तर -पूर्व कोने में एक स्वतंत्र राज्य.था। बाद में कौशल.नरेश ने इसे अपने राज्य, में शामिल कर लिया कोशल - नरेश प्रसंजित. और मगध-नरेश. बिम्बिसार सिद्धार्थ गौतम के समकालीन थे, जयसेन के पुत्र सिंह- हनु का विवाह कंच्चाना. से हुआ जो कि | शाक्य वंशी था। शाक्यों की राजधानी थी.कपिलवस्तु .सिंह-हनु. के पाच.पुत्र थे-         शूद्धोदन.धौतोदन" शुक्लोदन"शाक्योदन.तथा अमितोदन"इन पांचों पुत्रों के अतिरिक्त सिंह-हनु की दो.पुत्रियाँ. थीं - अमिता तथा प्रमिता" शुद्धोदन_एक. वीर पुरूष था और अपने अन्य भाईयों में वह मजबूत काठी, बलवान व धैर्यवान पुरूष था। शुद्धोदन.का विवाह महामाया से हुआ। महामाया की एक बड़ी बहन थी, महाप्रजापति" जिनके पिता. का नाम अन्जन था, और माँ" का नाम सुलक्षणा" था। एक दिन शुद्धोदन.ने सभा. में अपनी वीरता का परिचय दिया तो वहां उपस्थित वरिष्ठ धर्मगुरुओ ने"उन्हें एक और विवाह करने की अनुमति दे दी। शुद्धोदन. ने महाप्रजापति को चुना । 563 ई.पू. में वैशाख पूर्णिमा के दिन सिद्धार्थ ने लुंबिनी. वन मे