कहानी रंगीला कि
कहानी रंगीला की सुरूर नाम का एक कस्बा, थां, कस्बे, में रंगीला, नाम, का एक आलसी, और नटखट, लड़का रहता था,। वो बहुत आलसी था, ईधर उधर के लड़को के साथ घूमता रहता था, काम कुच करता नही था उसके छ भाई थे और एक बहन थीं, सभी भाई बहनो का विवाह,हो चुका थां,। छोटी, बहन, नजदीक,के ही , छोटे से, गांव, में रहती थीं, रंगीला,के छ भाई ,खेती, करते थे, उनके पास, ६०एकड़ जमीन थीं सभी भाई खेती के काम में लगे रहते थे, रंगीला कोई काम धाम नही करता था, उसको देख कर सभी भाई बोलते रहते थे, सभी भाई की शादी हो चुकी थीं पिताजी, और ,माताजी, अपनी उम्र के, 60 , पैसट, साल पार कर चूके थे, रंगीला, को इसलिए बोलते रहते थे,। की,वो, कोई भी काम करता नहीं था, दिन में तीन बार, खाना खाता था,। एक दिन की बात है ,। जब घर में चूला जलाने के लिए लकड़ियां नहीं थीं, तो रंगीला कि भाभी ने कहा, अरे रंगीला, घर में चूला जलाने के लिए लकड़ियां नहीं है,। मै, रात को कैसे,खाना,पकाऊंगी, आप लक्कड़ वन, में, जाइए, और, एक बोझा, लकड़ियां लेकर आइए,। रंगीला, रस्सी लेकर लक्कड़ वन, की ओर,निकल पड़ा