ईश्क, तो हमको भुला चूका

इश्क तो हमको भुला चुका, मुकद्दर ,भी ना भुला दे                 

 प्यार हम इसलिए नही करते , कही कोई हमे फिर से ना रुला दे            

ईश्क, तो हमको भुला चूका,
एक पल की ये बात नहीं, दो पल का ये सात नहीं,
वैसे तो जिन्दगी एक सफर बन गई हैं,।
वो सफर ही क्या जिसमें आपका सात नहीं
  

चाहो तो दिल से मिटा देना,,
चाहो तो हमको भुला देना,,
पर ये वादा करना की याद जब कभी हमारी आए तो रोना मत, मुस्करा देना,,

   
        खुशबू ने फूलों को एक एहसास बनाया,,
फूल ने बाग को कहर बनाया,,
                 बाग ने मोहब्बत को एक प्यार बनाया, प्यार ने एक और देवदास बनाया,,

           
  हर तरफ़ खामोशी का छाया है,।
             जिन्दगी में प्यार किसने पाया है,
  हम यादों में झुमते है उसकी और  जमाना कहता है देखो आज फिर पीकर आया है,,


तुम आए थें जिन्दगी में कहानी बन कर,               तुम आए थें जिन्दगी में चांदनी बन कर,                      बसा लिया था जिन्हे,आंखो मे अपना मान कर वो निकल जाते हैं, आंखो से पाणी बन कर,,

      

तूफ़ान सी जिन्दगी में पनाह कहा मिलती हैं,,         हर राही को राह कहा मिलती हैं                                  हौसला तो ताजमहल बनाने का सब को हैं, मगर हर येक को मुमताज़ कहा मिलती हैं,,

    

 कोई आंखो से बात करने लगता हैं,,                   कोई आंखो से मुलाकात करने लगता हैं,,      बडा मुस्कील हैं, जवाब देना, जब कोई खामोश रहकर सवाल करने लगता हैं 


        इस अजनबी का यू ना इन्तजार करो,,                इस आशिक दिल का ना एतबार करो,,       रोज़ निकाला ना करो किसी की याद में आसू, इतना कभी किसी से प्यार ना किया करो,,


             कहते हैं आसिको की जान नहीं होती,,                लफ्जों में मोहब्बत बयान नहीं होती,,     मिलता है प्यार तो कदर किजिए, किस्मत हर किसी पर मेहरबान नही होती,,


            

 


              


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