श्री लंका का सोना अब, कहां पर है। क्या आप जानते है,

              श्री लंका का सोना अब, कहा पर है।
कोण लेकर गया सोना
कहां गई शुद्ध सोने से बनी लंका जानकर आप चौक जायेंगे,। रामायण तो हम सब ने देखी है और हम इस से अच्छी तरह से वाकिफ हैं।
            हम आप को रामायण की लंका नगरी के बारे मे सच बताने जा रहे हैं जिसे जानने की जिज्ञासा सब में है जैसा कि हम सब जानते हैं। लंका नगरी पूरी तरह से सोने की बनी हुई थी। इस सोने की नगरी को निर्माण स्वयं विश्वकर्मा ने किया था।
          कहा. तो यहां तक जाता है,। कि रावण ने सब देवी देवताओं को, बंदी बनाकर अपने महल मे रखा था।और उनसे ऐसे अदभुत असम्भव आविष्कार करवाए थे, जो आज के युग. में वर्तमान समय में,कल्पना करना भी संभव नहीं है,।
               कहा जाता है कि इंग्लैंड में एक समय ऐसा था कि वहां के सभी घरों के बर्तनों के साथ चम्मच भी सोने के होते थे। और द्वितीय विश्व युद्ध तक ऐसा ही था, वही से सारा सोना आया था भारत में
              ब्रिटिश जहाज के कप्तान की किताब में वर्णन मिलता है कि अट्ठारह सौ बहत्तर के दौरान एक ब्रिटिश जहाज श्रीलंका के पूर्वी किनारे दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, 
          जिसमें भारत से अंग्रेजों का लूटा हुआ खजाना था। उस जहाज को कोलकाता से इंग्लैंड के लिए रवानगी दी थी। लेकिन ट्रैवलर में खराबी की वजह से वह श्रीलंका के पूर्वी किनारे पर ही अटक गया और कुछ देर बाद आए भयंकर तूफान ने उसे समुंदर में डुबो दिया थां।
              उसके कप्तान कपिल ने अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए तूफान से पहले ही जहांज छोड़कर श्रीलंका सुरक्षित पहुंच गए। अब तूफ़ान थम जाने के बाद जहाज को खोजना शुरू किया गया।
              लेकिन जहाज का कोई अता-पता नहीं मिला। 1905 में ठीक उसी जगह ब्रिटिश गोताखोरों की। एक टिम ने समुद्र में तलाशी अभियान चलाया और उन्हें उस जगह दबा हुआ सोने का खजाना मिल गया, लेकिन सोने की जांच हुई तो उस पर जमी परत से अंदाजा हुआ कि यह सोना जहाज का नहीं।                                बल्कि हजारों सालों से समुद्र में दबा कोई खजाना है। इस तलाशी अभियान को बड़े पैमाने पर चलाया गया और कहा जाता है। की लगभग 185 जहाजो में यह सोना लादकर ब्रिटेन ले जाया गया।     
श्री लंका का सोना, अब कहां पर है। क्या आप जानते है

       कुछ इतिहासकारों का मानना है कि यह सोना उसी प्राचीन लंका नगरी का है जो हजारों वर्षों पहले समुद्र में समा गई थी। हेनरी रॉफल ने अपनी किताब, द जर्नी ऑफ इंडिया। मे यह दावा किया थां,।

की शुरुआत में मैं भी तलाशी अभियान का एक हिस्सा था लेकिन जैसे ही हमारे जाहाज का मलबा खोज लिया गया। उन्होंने उसकी जांच के बाद उस जहाज के जगह को सील कर दिया, 
     
और उस जगह से कैसे इतना सोना निकलने लगा जो मेरे जहाज में लगे सोने के सामने बहुत ज्यादा था।
         जब मैंने, माजरा क्या हैं यह समझना चाहा तो मेरा ट्रांसफर साउथ अफ्रीका कर दिया गया। शायद यह प्राचीन भारत का कोई दबा बड़ा। खजाना था।
          
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आज लंका पूरी तरह नष्ट हो चुकी है। सोना तो दूर की बात है। लोहे के टुकड़े भी मिल पाना बड़ा मुश्किल है। 
       कुछ इतिहासकारों का मानना है कि समय बीतने के साथ-साथ लंका का सारा सोना हिंद महासागर में डूब गया। कुछ लोगों का मानना है कि विदेशी आक्रमणकारियों ने लंका का सारा सोना लूट लिया। लेकिन श्रीलंका के इतिहासकारों ने इस विषय में कोई वर्णन नहीं किया है। उन्होंने इतना ही कहा है। 1872 में एक जहाज में काफी सोना लंका से ब्रिटेन ले जाया गया, 

दोस्तों क्या आपकी नजर में सोने की लंका थी। या कोई दबा सोने का खजाना थां कमेंट करके बताना ना भूलें 

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