गरीबी से अमीरी की और
नम्बर वन
नम्बर वन की सुरुवात, कहा से होती है,? झिरो से,हम सभी जानते हैं,
इसलीय. नम्बर वन, होने के लिए,हमे निम्मलिखित, तीन बातों की तरफ
ध्यान, केन्द्रित करना बहुत आवश्यक है,।
वो तीन बाते हैं,
1 ,मेहनत, 2 ,लगन, 3, अपना तन, मन ,लगा ने की जरूरत.है.।
जिस वजह से हमे,नम्बर 1, होने के लिए बहुत आसान होगा,।
नम्बर 1, होने के लिए ,हर एक इन्सान का प्रारंभ, 0, से होता.है.।
जैसे अमिताब.बच्चन, धीरूभाई अम्बानी,
रितिक ,रोशन, महेश, भट्ट, नरेन्द्र मोदी, जो अभी आज कि तारीख में,
नम्बर 1, के स्टार ,और, नेता, हैं,।
तो.अम्बानी को, भी नम्बर 1, होने के लिए, बहुत मेहनत, और, लगन,और,
स्टेप, बाई,स्टेप से हि, काम करना पड़ा होंगा, अम्बानी ने प्रारंभ जीरो से ही कि थीं,।
अब के समय से.पच्पन. साल पहले.धीरूभाई अम्बानी भीं जीरो नम्बर पर थें,।
लेकीन आज बिजनेस. कि केटेगरी में धीरूभाई अम्बानी के लडके,।
अनिल अंबानी, मुकेश अम्बानी, अपने बिजनेस के सबसे अमीर, और नम्बर वन के, बिजनेस. मैन, दिखाई देते
. क्योंकि, जब , अम्बानी ने अपने कामयाबी की शुरुवात,0, से ही की, थी,
अम्बानी, जब, बीस___25, साल के हुए थे.
तब वो, भीं, जीवन में, कुच, न कुच, बन के दिखाने की, उम्मीद, रखते थे,।
उनके पास सिर्फ 1. रूपया था. वे अपने गांव से मुम्बई.शहर में. आय थे.जो भी कुच उस के पास था, उसी मे अंबानी ने अपना गुज़ारा किया था.
अम्बानी के, पास सिर्फ 1, रूपये.का सिक्का बच गया.तो, उसे.एक चने बेचने वाला, चने_चने, चिल्लाते हुए.दिखाई दीया,।
तब ,उस, ठेले, वाले के पास से, अम्बानी ने, अपने जेब के,
1,रूपए से चने खरीदे, जैसे ही उसने. 1 चना खाने के लिए, अपने मुंह में डाला तो.अम्बानी ने सोचा कि अभी मैं ये चने, खा लूंगा,
तो कल चलकर मेरे.पास, कुच भीं नही बचेगा और न ही पैसे बचेंगे
यह विचार करके अम्बानी ने, अपना दिमाग दौड़ाया कि, अगर मैं, यह चने बेचकर थोड़े पैसे कमाऊंगा. तो....
अम्बानी ने वैसा ही किया, तो.धीरू. अम्बानी ने चने वाले के नज़दीक जाकर चने वाले से तीन कागज़ मांग लिए,
और, उस चने वाले से.पचास क़दम, दुर... जाकर 1, रुपए.के चने के तीन, एक जैसी, पुड़िया बनाई, और, उस.पुड़िया को, ले जाकर तीन लोगों को,
बैच दीया,
तब, अम्बानी ने उस.1, रूपए से, तीन रुपए कमा लिए ,
फिर से, अम्बानी ने, उस.के पास, जाकर तीन रुपए. के चने खरीदें, और, चने वाले को, छ: खाली कागद मांगें
उसकी, छ: समान,अलग _, अलग पुड़िया, बनाई,
फिर से,
उस चानेवाले.वाले से 20क़दम दूर जाकर उस.पुड़िया को, छ: रुपए, में बैच दीया,
इस तरह, अम्बानी ने उस.दिन,1 रुपए.से , 27, रुपए. बना लिए,
तो.आप ही अंदाजा लगाओ,कि, जिस तरह, से धीरूभाई, अम्बानी..ने अपने दिमागी करामत से,आज बिजनेस.की लाइन में,सबसे विश्वसनीय नम्बर के व्यापारी, बिजनेस.मैन, हम देख सकते हैं ,।
हम भीं, अगर, थोड़ा सा अम्बानी के जैसा सोचकर, अपने, किसी भी छेत्र में,
0, से सुरू, करोंगे तो.आप भीं,बहुत कुच बन सकते हैं।
क्योंकि हर व्यक्ति का प्रारंभ झिरो से ही होती है,। उसी प्रकार हम भीं अच्छा काम करके अपने आपको भीं एक बहुत अच्छा इन्सान.बना सकते हैं,,।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें